रविवार, 18 जून 2017

सौकर्यं याचने भवेत्

एकदा भिक्षुकः कश्चित् सखायं भिक्षुमाह यत् ।
यति ते लाटरी-लाभो भवेत् तत्किं करिष्यसि ।।
तस्य तद्वचनं श्रुत्वा सखा तम्प्रत्युवाच यत् ।
एकं स्कूटरयानं तु प्रथमं क्रेष्यते यतः ।।
पदातिना महत्कष्टं भिक्षायामधिगम्यते ।
स्कूटरेण तु सौकर्यं याचने सम्भविष्यति ।।


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