सोमवार, 19 जून 2017

बुढापे का सहारा


बुढापे का सहारा
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“पूर्वं वयसि तत् कुर्याद् येन वृद्धः सुखं वसेत् ।
यावज्जीवेन तत् कुर्याद् येन प्रेत्य सुखं वसेत् ।।”
(महाभारत-उद्योगपर्व–३५.६८)

अर्थः—आयु के प्रारम्भ में ऐसे काम करने चाहिए, जिनसे बुढापा आराम से बीते । जीवन भर ऐसे काम करने चाहिएँ, जिनसे परलोक में सुख मिले ।

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